हरिद्वार। एटॉमिक एनर्जी हैवी वाटर प्लांट रावतभाटा कोटा न्यूक्लियर फ्यूल कांपलेक्स परमाणु ऊर्जा विभाग के परमाणु वैज्ञानिक डॉक्टर एम एल परिहार ने कहा कि 135 तरह की वैकल्पिक चिकित्साए दुनिया भर में प्रचलित है और इनमें से सबसे ज्यादा एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति प्रचलित है। जो आज दुनिया की तीसरी सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाली चिकित्सा पद्धति बन चुकी हैै। डॉक्टर परिहार नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स(एनयूजे) हरिद्वार जनपद इकाई द्वारा आयोजित "आधुनिक मानव जीवन एवं रोगों के निदान"विषय पर आधारित एक कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि मानव शरीर के मर्म बिंदुओं पर प्रेशर दिया जाता है तो उनसे क्या प्रभाव पड़ता है इसी के ऊपर कुछ वैज्ञानिक ने शोध किया है। उन्होंने लोगों से आवाहन किया कि वे ऋषि मुनियों द्वारा प्रदत्त भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को अपनाएं क्योंकि वे वैज्ञानिक तथ्यों पर पूर्ण उतरते हैं। चाहे वह हस्त मुद्रा हो या आंख देखकर रोग को पहचानने की कला जिसे आज आइरिस थेरेपी कहा जाता है।
डॉ. परिहार ने कहा कि जो कान पकड़ कर शिक्षक बच्चों को याद दिलाने के लिए सजा देते थे,वह भी वैज्ञानिक पद्धति थी। इससे बच्चों की मानसिक शक्ति का विकास होता है। उन्होंने कहा कि शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द होना पानी की कमी को दर्शाता है। दर्द को पर्याप्त मात्रा में यानी 4 से 6 लीटर पानी विविध तरीके से पी कर दूर किया जा सकता है।
हस्त मुद्राओं पर प्रकाश डालते हुए डॉ परिहार ने कहा की विभिन्न प्रकार की हस्त मुद्राएं स्वास्थ्य रक्षा के लिए कारगर साबित हो रही हैं वायु मुद्रा के द्वारा शरीर के लगभग 80 फीसद दर्द को दूर किया जा सकता है कानों की मालिश करके तथा हाथों की ताली बजाकर स्वस्थ रहा जा सकता है।
एक दिवसीय चिकित्सा कार्यशाला में आरोग्य प्राप्ति की विभिन्न क्रियाओं पंचतत्व चिकित्सा, एक्यूप्रेशर, मेरिडियोनोलॉजी, चुंबकीय चिकित्सा ,आहार-विहार ,आचार-विचार चिकित्सा सहित कई वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों पर डॉ परिहार ने प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए पतंजलि योगपीठ के संस्थान दिव्य फार्मेसी हरिद्वार के मानव संसाधन विकास विभाग के महाप्रबंधक एनसी शर्मा प्रेस क्लब के अध्यक्ष राजेश शर्मा एन यू जे के प्रदेश अध्यक्ष बृजेंद्र हर्ष धर्मेंद्र चौधरी नरेश गुप्ता आशीष मिश्रा सुनील पांडे आदि ने विचार रखे । अतिथियों को शॉल और स्मृति चिन्ह तथा रुद्राक्ष की माला भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन बाल कृष्ण शास्त्री ने किया ।
दुनिया भर में 135 प्रकार की वैकल्पिक चिकित्साओं में एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति प्रचलित : डॉ परिहार
• VIKAS CHAUHAN