हरिद्वार। जनपद हरिद्वार में वर्ष 2022 तक कृषको की आय दोगुनी करने को लेकर आज मुख्य विकास अधिकारी एवं इण्डियन आयल कारपोरेशन के अधिशासी निदेशक के बीच हुआ एमोयू सम्पन्न हुआ।
जिसमें पशुपालन विभाग जनपद हरिद्वार को 40000 पशुओं को लिंग वर्गीकृत वीर्य (जिसमें सिर्फ बछिया/कटिया ही पैदा होगी) द्वारा कृत्रिम गर्भाधान विधि से गर्भित कराने हेतु रू0 6400000.00 (चैसठ लाख) की धनराशि प्रदान की गयी।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी विनित तोमर ने कहा कि 40000 पशुओं को उक्त सीमन से गर्भित कराने पर एक वर्ष में लगभग 25000 मादा पशु उत्पन्न होगें जिससे जनपद में आवारा घूमने वाले नर पशुओं की समस्या से निजात पाया जा सकेगा। साथ ही उपस्थित पशुपालको से इस योजना का अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करने का आह्रवान किया, उन्होने इण्डियन आयल के अधिकारियों का आभार प्रकट करते हुये भविष्य में भी पशुपालको/कृषकों के उत्थान हेतु कार्ययोजना में सहयोग करने का आह्रवान किया।
यू0एल0डीबी0 के मुख्य अधिशासी अधिकारी डा0 एम0एस0नयाल ने पशुपालको को सम्बोधित करते हुये कहा कि सैक्सड साॅर्टेड सीमन से कृत्रिम गर्भाधान द्वारा बछिया संतति उत्पन्न होने की सम्भावना लगभग 90 प्रतिशत रहती है। इस योजना के सफल क्रियान्वयन द्वारा दुग्ध उत्पादन में वृद्वि कर पशुपालको की आय में वृद्वि की कार्ययोजना तैयार की गई है।
कार्यक्रम में इण्डियन आयल कारपोरेशन के कार्यकारी निदेशक वी0सी0 सती, मुख्य प्रबन्धक विघा सागर, उप महाप्रबन्धक (एच0आर0) अनुराग आनन्द, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डा0 बी0सी0 कर्नाटक, उप मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डा0 अभय कुमार, डा0 उमेंश भटट, डा0 कैलाश उनियाल, डा0 बृजेश रावत, डा0 पुनीत भटट, डा0 विपुल जैन तथा काफी संख्या में पशुपालक उपस्थित रहे।
जिला प्रशासन एवं इण्डियन आयल कारपोरेशन के बीच एमोयू