ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने उत्तराखण्ड की राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य और उनके परिवार को रूद्राक्ष की माला पहनाकर विदा किया।
महामहिम जी और उनका परिवार नामकरण संरकार के पश्चात परमार्थ निकेेतन में रात्रि विश्राम किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने महामहिम उत्तराखण्ड से आगामी हरिद्वार कुम्भ मेला से पहले हरिद्वार में सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छ जल की आपूर्ति हेतु स्वच्छ जल की मशीनें, विकेन्द्रीकृत एस टी पी प्लांट लगवाने, पर्यावरण संरक्षण, ग्लोबल वार्मिग, जलवायु परिवर्तन जैसे विषयों पर विशेष चर्चा हुई। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि उत्तराखण्ड एक आध्यात्मिक राज्य है। हमारा देश अभी भी संस्कारों और संस्कृति की श्वास ले रहा है अतः इसके आध्यात्मिक पक्ष और संस्कृति को ध्यान में रखते हुये सतत विकास की ओर बढ़ना होगा। गांधी जी का कथन है कि वहीं तकनीक सही एवं उत्तम है जो मनुष्य का नहीं बल्कि मानवता के विकास में सहायक है। हमारी प्रगति भी मानवता और पर्यावरण की सहायक हो। उन्होने कहा कि मनुष्य जब तक अपने सर्वोच्च सुख की लालसा रखेगा उसका परिणाम हमारी प्रकृति और पर्यावरण को सहन करना होगा। स्वामी ने कहा कि हम अपने जीवन में छोटे-छोटे परिवर्तन कर हम प्रदूषण को कम कर सकते है। हमें अपने राज्य को भव्यता का स्वरूप दिव्यता के साथ प्रदान करना होगा।
परमार्थ गंगा तट आध्यात्मिक शक्ति का पावन पुंज- बेबी रानी मौर्य