हरिद्वार। कोरोना के आतंक से पुरे देश में इस वक्त लॉक डाउन है। आपातकालीन इस स्थिति में सबसे ज्यादा संकट गरीब व मांग कर गुजर बसर करने वालो पर पड़ा है। हरिद्वार में भी यही हालात है मगर इससे निपटने के लिए सरकारी एजेंसियों ने कमर कस धरातल पर कार्य शुरू कर दिया है।
कोरोना को लेकर फैला वैश्विक आतंक ने भी हमारे देश में भी हलचल मचा दी है। केंद्र सरकार द्वारा 21 दिनों के लॉक डाउन की घोषणा के बाद से शहरों से लेकर गांवो तक लोग अपने घरों में कैद हो गए है।उत्तराखंड की बात करे तो यंहा के हालात तो ज्यादा खराब नही है मगर सबसे ज्यादा संकट निम्न आय वर्ग व मांग कर खाने वाले घुमंतू लोगो पर पड़ा है। इसको लेकर हरिद्वार जिला एवं मेला प्रसाशन ने इन घुमंतू व मांग कर खाने वालों के लिए भोजन की व्यवस्था शुरू की है।जिसके चलते निम्न आये वालो के लिए कच्चा राशन और मांग कर खाने वालो के लिए भोजन के पैकिट दिए जा रहे है |
निजी संस्थाओ व समाज सेवियियो के सहयोग से शुरू हुई इस मुहिम के तहत भोजन वितरण का यह कार्य किया जा रहा है। प्रारम्भिक तोर पर 2000 पैकेट भोजन के बांटे जाएंगे। इसी क्रम में परशुराम अखाड़ा के अध्यक्ष अधीर कौशिक की ओर से जहाँ पहले चरण में 25 पैकेट खाद्य सामग्री के दिये गए है वही उन्होंने आश्वासन दिया कि वे हर रोज 200 पैकेट खाने के भी सहयोग करते रहेंगे। उनका प्रयास है कि इस घोर संकट के वक्त कोई भी व्यक्ति भूखा ना रहे।
कोरोना कि मार से पूर्व संतो के इस नगर की हर गालिया भंडारों की महक से गुलजार रहती थी। वन्ही अखाड़ो व आश्रमो के निरंतर चलने वाले अन्न छेत्रो में सैकड़ो की संख्या में गरीब संत व मांग कर खाने वालों का तांता लगा रहता था। मगर कोरोना के ख़ौफ़ में आज हर जगह तालाबंदी का माहौल है ऐसे में प्रसाशन की यह पहल के निराश्रितों के लिए एक उम्मीद की किरण बन रही है |