हरिद्वार। कोरोना की वजह से देश मे 21 दिन का लॉक डाउन लागू है। लॉक डॉउन के बाद सबसे ज्यादा प्रभावित गरीब, मजदूर ओर खुद का छूटा मोटा काम करने वाले लोग हुए हैं। हरिद्वार के सिडकुल में कार्य करने वाले कॉन्ट्रेक्ट लेबर ओर देहरादून-ऋषिकेश में रहने वाले मजदूर काम छीन जाने और पैसों की किल्लत के कारण अपने गाँव, अपने घर जाने को मजबूर है। लॉक डॉउन के कारण पैसों के साथ साथ खाने की भी परेशानी इन लोगों को हो रही है जिस कारण लोग अपने पूरे परिवार के साथ हरिद्वार और देहरादून से पैदल ही कानपुर, बरेली और बिजनोर के लिए रवाना हो रहे है। शहर छोड़ कर जाने वाले नंद किशोर का कहना है कि कोरोना से या भूख से मरना ही तो क्यो ना अपने घर जा कर मरा जाए। वही सिडकुल में कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले अनुज का कहना है कि लॉक डॉउन से उनका काम छूट गया है और सरकार जो मदद देगी भी तो वो स्थाई मजदूरों को मिलेगी।
कोरोना अपडेट:- लॉक डॉउन में पैसों ओर भूख से परेशान गरीब-मजदूर पैदल ही तय कर रहे कई सौ किलोमीटर का सफर