हरिद्वार। कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप से बचने एवं आम आदमी तक राशन की आपूर्ति को निर्बाध रखने के लिए सरकारी मशीनरी ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है वहीं दूसरी ओर सफेदपोश एवं अन्य छुटभैय्ये नेताओं ने इस अवसर का भी फायदा उठाना शुरू कर दिया है। जानकारी के अनुसार सबसे ज्यादा राशन विक्रेता इनका शिकार हैं तथा उन्हें तरह तरह से ब्लैकमेल किया जा रहा है।
गौरतलब है कि इस समय पूरा देश लॉकडाउन की स्थिति में है। सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती आम आदमी तक खाने-पीने की वस्तुओं की निर्बाध रूप से आपूर्ति है। वहीं बाजारी कीमतें न बढ़ें इसके लिए भी प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य सरकार ने इन स्थितियों से निपटने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन की दुकानों के जरिये 3 माह का राशन उपलब्ध कराने का बीड़ा उठाया है। इसी की वजह से राशन की दुकानों पर भारी भीड़ जमा हो रही है। यद्यपि राशन की दुकानों पर खाद्यान्न प्रचुर है तथा वितरण भी विक्रेताओं द्वारा किया जा रहा है परंतु पब्लिक को सब्र नही आ रहा है जिसका लाभ सफेदपोश तथा गली मौहल्ले के बेरोजगार छुटभैय्ये नेता उठा रहे हैं। जानकारी के अनुसार एल तरफ राशन विक्रेताओं को संक्रमण का हाई रिस्क सता रहा है वहीं इन तथाकथित नेताओं ने नाक में दम कर रखा है। सूत्र बताते हैं कि ये नेता जिनमे कुछ सत्ताधारी पार्टी से भी जुड़े हैं वितरण प्रणाली में हस्तक्षेप कर रहे हैं। जब इनकी गैरजरूरी बात को राशन विक्रेता नही मानते तो झूठी शिकायत की जा रही हैं जिससे अधिकारी भी यहां वहां दौड़े घूम रहे हैं। इन नेताओं द्वारा लोगो को दिलवाने के नाम पर दुकानदारों से गेहूं चावल की मांग की जा रही है। काबिलेगौर यह है कि जब इन परिस्थितियों में लोग एक दूसरे की मदद को आगे आ रहे हैं वहीं दूसरी ओर इस तरह के तत्व लोगों को लूटने में लगे हैं।
सफेदपोश कर रहे ब्लैकमेलिंग, परेशानी में राशन डीलर