ब्यूरो। उत्तराखण्ड में चारधाम की यात्रा प्रारम्भ होने जा रही है लेकिन कोविड—19 और लॉक डॉउन का असर इस बार यात्रा पर भी पड़ता दिख रहा है इस बार तीन धामों गंगोत्री,यमुनोत्री और केदारनाथ के कपाट तो तय समय पर ही खुलगें। परन्तु इस बार बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तीथि को लेकर संसय बना हुआ है।
पूर्व में तय समय के अनुसार बद्रीनाथ के कपाट 29 को खुलने थे परन्तु प्रदेश सरकार द्वारा टिहरी राज परिवार की सहमती से कपाट खुलने की नई तारीख की घोषणा के बाद विवाद हो गया था। जिसमें पहले तो बद्रीनाथ तीर्थ पुरोहितों द्वारा नई तिथि का विरोध किया गया और अब इसके विरोध में शंकराचार्य स्वरूपानन्द सरस्वती भी उतर आए है। उन्होंने मीडिया को दिए बयान में कहा कि सरकार द्वारा जो बद्रीनाथ के कपाट खोलने की तिथि में बदलाव किया गया वह सरासर गलत और परम्पराओं के विरूद्ध है जोकि देश समाज के लिए अमंगलकारी हो सकता है। उन्होंने कहा पहले तो रावल को बुलाने में देरी करी गयी और अब परम्पराओं की अनदेखी की जा रही है जो कि धर्म विरूद्ध है।
बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की नई तिथि से शंकराचार्य खफा,लिखा पत्र