ऋषियों का मूल मंत्र ’तमसो मा ज्योतिर्गमय’ एक अद्भुत आइडिया  - स्वामी चिदानन्द सरस्वती


कोरोना वायरस के अन्धकार को आत्मबल के प्रकाश से दूर करें
ऋषिकेश । परमार्थ निकेतन में स्वामी चिदानन्द सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती के मार्गदर्शन में सोशल डिसटेंसिग का पालन करते हुये रामनवमी की शाम को वेद मंत्रों के उच्चारण के साथ दीये जलाकर कोरोना रूपी अन्धकार को आत्मबल और आत्मविश्वास रूपी प्रकाश से दूर करने का मंत्र दिया।
परमार्थ परिवार के सदस्यों ने भारत की प्रकाश और प्रेम की अद्भुत संस्कृति का संदेश देते हुये विश्व शान्ति की प्रार्थना की। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि कोरोना की लड़ाई पर विजय प्राप्त करने के लिये पूरे देश को एक साथ आना होगा। सारे वाद और विवादों से उपर उठकर कोरोना को हराने के लिये ’घर में ही रहो ना’ को ही मूल मंत्र बनाना होगा।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि आईये हम सब भारतवासी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गयी अपील को मिलकर साकार करें, 5 अप्रैल दिन रविवार को रात 9 बजे 9 मिनट के लिये घर की सभी लाइट बंद कर के घर के बाहर, बालकनी, छज्जे या छत पर मोमबत्ती, दीया, टाॅर्च या मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाकर प्रकार की ताकत और 130 करोड़ भारतवासियों की एकता से परिचय कराये।
स्वामी जी ने कहा कि 5 अप्रैल को 9 बजे 9 मिनट तक दीप जलाकर भारत को आगे बढ़ाना है तथा कोरोना वायरस के मुक्ति दिलाना है। स्वामी जी ने कहा कि भारत को तो अर्थ ही है भा-रत अर्थात जो भी करे प्रकाश के साथ करे और प्रकाशित होकर करे। ’तमसो मा ज्योर्तिगमय’ की शिक्षा लें जिस प्रकार दीपक बाहरी वातावरण को रोशनी से भर देता है उसी प्रकार लाॅकडाउन के समय अपने भीतरी वातावरण को प्रकाश भर दें। उन्होंने कहा कि कोरोना रूपी अन्धेरा कितना भी गहरा क्यों न हो वह कायम नहीं रह सकता बस इसके लिये हमें सोशल डिसटेंसिग और एकता रूपी दीप को  जलाना होगा। आईये संकल्प करें कि हम कोरोना को हराने के लिये हर नियम का पालन अवश्य करेंगे।