हरिद्वार। उत्तराखण्ड वन महकमे के कुछ अदने से कर्मचारी भी अब अपने को आलाधिकारी समझने लगे है। हरिद्वार वन प्रभाग में ऐसा ही एक मामला आने से वन महकमे में हड़कम्प मचा हुआ है। ऊंची पँहुच का दावा कर वन कर्मियों पर रौब झाड़ने वाले रासियबड़ के डिप्टी रेंजर खुद ही डीएफओ की तरह बर्ताव करने लगा। डीएफओ हरिद्वार द्वारा कुछ दिनों पूर्व सभी रेंजों को सघन गस्त व जंगली हाथियों के आबादी में प्रवेश रोकने के निर्देश दिए गए थे। कंट्रोल रूम द्वारा वायरलेस पर हर रोज जानकारी मांगे जाने से नाराज इस डिप्टी रेंजर प्रदीप उनियाल ने सूचना एकत्र किए जाने पर डीएफओ हरिद्वार के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया।
गौरतलब है कि प्रदीप उनियाल अपने रसूख के दम पर पिछले कई वर्षों से रासियबड़ यूनिट में ही तैनात है। इस पर कुछ माह पूर्व एक करोड़ रुपये की वित्तीय अमियमित के आरोप भी लगे थे, मगर जांच के बाद भी अब तक इस पर कार्यवाही नही हुई थी। मगर वायरलेस में कई गयी अभद्रता को लेकर हरिद्वार वन प्रभाग के डीएफओ आकाश वर्मा ने इसे हटा कर उच्च अधिकारियों को कड़ी कार्यवाही के निर्देश जारी किए है
वायरलेस पर हरिद्वार डीएफओ से अभद्रता पर रसियाबड़ डिप्टी रेंजर पर कार्यवाही