विशिष्ट बीटीसी को मान्यता न होने से प्रमोशन पर तलवार


शिक्षक संघ पर फूट रहा शिक्षकों का गुस्सा, धोखा देने का आरोप


हरिद्वार। शिक्षा विभाग में एक लंबे समय से प्रमोशन की बाट जोह रहे शिक्षकों को गहरा झटका लगा है यह झटका किसी और वजह से नहीं बल्कि उस तकनीकी पेंच की वजह से लगा है जिसके चलते हजारों शिक्षकों का भविष्य दांव पर लग गया है। एक तरफ विभाग की हीला हवाली वहीं दूसरी ओर शिक्षक संगठनों की खराब पैरवी की वजह से यह समस्या आन खड़ी हुई है अब जब विभाग ने प्रमोशन की प्रक्रिया को शुरू किया है तो विशिष्ट बीटीसी की मान्यता संबंधी मामले में शिक्षकों के प्रमोशन पर प्रश्न चिन्ह लग गया है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के लगभग 16500 शिक्षकों के विशिष्ट बीटीसी मान्यता का मामला के वर्षों से लंबित है। स्थिति यह है कि विशिष्ट बीटीसी के जरिये शिक्षकों को प्रशिक्षण देकर नियुक्ति तो दे दी गई परंतु उच्च स्तर पर इसकी मान्यता नही ली गई। जब सरकार जागी तो केंद्र स्तर पर बैक में मान्यता देने की प्रक्रिया पर पेंच फंस गया। तत्कालीन केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से लेकर डॉ. निशंक सबने सिर्फ आश्वासन दिया परंतु समस्या का समाधान न हो सका। इस मामले में विभिन्न मांगों के सापेक्ष राज्यसभा सांसद श्री बलूनी ने भी पैरवी की कोशिश की परंतु वह अस्वस्थ हो गए। अब लंबे समय बाद शिक्षा विभाग में प्रोमोशन की प्रक्रिया शुरू की गई है परंतु विभाग उन 16500 लोगो को प्रमोशन से इनकार कर रहा है जिनमे कुछ अन्य जनपदों में प्रोमोशन पा भी चुके हैं वहीं दूसरी ओर सभी शिक्षक प्रशिक्षित वेतनमान प्राप्त कर रहे हैं। इन सबसे आहत शिक्षकों ने सोशल मीडिया पर मोर्चा खोल दिया है तथा शिक्षक संगठनों की खराब पैरवी ओर बिना मान्यता मिले एक दूसरे के गले मे माला पहनाने की राजनीति को कटघरे में खड़ा किया है। शिक्षक नेता जितेंद्र सिंह कहते हैं कि शिक्षक संघ के नेता अशोक चौहान की पत्नी का भी ऐसा ही मामला है जो पूर्व में प्रोमोशन ले चुकी हैं उनकी डिग्री को भी ncte से मान्यता नही है। उन्होंने आरोप लगाया कि संघ के ये नेता सिर्फ चिट्ठी बाजी कर रहे हैं। वहीं जनपद के अन्य नेताओं ने भी शिक्षकों से धोखाधड़ी कर nios के प्रशिक्षण में पंजीकरण कराया है। वहीं इससे हास्यास्पद क्या होगा कि अशोक चौहान मान्यता न मिलने पर भी राजनीति के तहत नेताओं को मालाएं पहना चुके हैं जिससे शिक्षकों में भारी रोष है।