हरिद्वार। कोविड —19 के कारण देश में लॉक डॉउन जारी है और ऐसे में सरकार द्वारा आम लोगों पर आर्थिक भार कर पड़े इसके लिए कई प्रयास भी किए है राज्य सरकार द्वारा जारी एक आदेश के क्रम में सभी स्कूलों को यह आदेश दिए गये थे कि वे अपने स्कूल में एनसीआरटी की किताबें चलाएगें और साथ ही किसी भी छात्र से एक माह से अधिक की फीस लेगें और वो भी केवल टयूशन फीस।
लेकिन सरकार के आदेश धत्ता बताते हुए हरिद्वार के औद्योगिक क्षेत्र स्थित दून कैम्ब्रिज स्कूल अपने छात्र—छात्राओं को एनसीआरटी से इतर किताबें खरीदनें को मजबूर करने के साथ साथ अधिक फीस भी ले रहा था। इसका पता तब चला जब शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूल और बुक डिपो पर जा पहुंचे। मुख्य शिक्षा अधिकारी आनन्द भारद्वाज के अनुसार स्कूल की पिछले काफी समय से शिकायत मिल रही थी जिस पर कार्यवाही करते हुए विभाग के अधिकारियों स्कूल और बुक डिपों पहुंचे तो यह साफ हो गया कि स्कूल द्वारा छात्र—छात्राओं से अधिक फीस वसूलने के साथ साथ एनसीआरटी से इतर किताबें खरीदनें को मजबूर किया जा रहा था। जिस पर विभाग द्वारा स्कूल पर एक लाख का जुर्माना लगाने के साथ साथ बिना अनुमति के कक्षाए चलाने का नोटिस भी दिया गया है इसके साथ साथ विभाग द्वारा भार्गव बुल डिपो का सीज करने के लिए सिटी मजिस्ट्रेट को पत्र भी लिखा गया है।