सांसद अनिल बलूनी ओर रविन्द्र जुगरान के विशेष प्रयासों से मिली सफलता : क्रांति
हरिद्वार। राज्य के 16 हजार 608 विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों को राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के वर्ष 2001 से 2018 की अवधि के विशिष्ट बीटीसी कोर्स मान्यता मिलने संबंधी अधिसूचना जारी होने पर विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों ने आभार जताया है।
जनपद के विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों की ऑनलाइन बैठक का आयोजन वरिष्ठ शिक्षक घनश्याम सिंह की अध्यक्षता में किया गया। श्री सिंह ने कहा कि शिक्षकों की यह मांग बहुत समय से लंबित पड़ी हुई थी जिसके कारण शिक्षकों के प्रमोशन पर तलवार लटक गई थी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जारी करने से यह गतिरोध समाप्त हो गया है। शिक्षक जितेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद एक्ट के तहत बैक डेट से मान्यता देने की अधिसूचना जारी कर दी। अधिसूचना के आधार पर राज्य में अन्य आवश्यक औपचारिकताओं को जल्द पूरा कर लिया जाएगा। श्री सिंह ने कहा कि शिक्षक संघ के कुछ नेताओं ने इस प्रकरण पर भी लोगो को धोखा दिया है। शुरुआती दौर में जनपद हरिद्वार के विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों को बरगलाया गया तथा कुछ संघ के बड़े नेताओं ने खुद nios के कोर्स में पंजीकरण तक करा लिया था। शिक्षक नेता अमर क्रांति ने कहा कि विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों का मामला पिछले तीन साल से विवादों में था सांसद अनिल बलूनी ओर रविन्द्र जुगरान के विशेष प्रयासों से यह सफलता मिली। गोपाल भट्टाचार्य ने कहा कि विशिष्ट बीटीसी कोर्स को मान्यता न होने की वजह से शिक्षक अपात्र शिक्षक की श्रेणी में आ गए थे। डॉ. शिवा अग्रवाल ने कहा कि पिछले साल जनवरी में राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी की पहल तथा पूर्व दर्जाधारी नेता रविन्द्र जुगरान की सक्रिय पहल पर राज्यसभा में एनसीटीई एक्ट तो जरूर संशोधित हो गया था, लेकिन उसके बाद मान्यता की अधिसूचना फाइलों में अटकी थी। एनसीटीई के मानक के अनुसार 31 मार्च 2019 तक हर बेसिक शिक्षक को शैक्षिक योग्यता पूरी करनी थी। बीएड कर चुके शिक्षकों के लिए एनसीटीई ने छह महीने के ब्रिज कोर्स की सुविधा दी थी। चूंकि राज्य के शिक्षकों ने विशिष्ट बीटीसी सरकार के निर्देश पर की थी, इसलिए उन्होंने ब्रिज कोर्स का बहिष्कार कर दिया। एनसीटीई की मान्यता न होने से जहां इन शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटकी थी। वहीं वर्तमान प्रमोशन प्रक्रिया का भी उन्हें लाभ नहीं मिल रहा था। ऑनलाइन बैठक में शिक्षक राजेश कुमार, महिपाल सिंह, शरद भारद्वाज, रवि कुमार गोस्वामी, सुरेंद्र सिंह, तेज प्रकाश आदि ने अपने विचार रखे। निर्णय लिया गया कि शिक्षक मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. निशंक, अनिल बलूनी, रविन्द्र जुगरान, शिक्षामंत्री अरविंद पांडे सहित सभी सहयोग प्रदान करने वालो का अभिनंदन करेंगे।