घर वापसी को पश्चिम बंगाल के यात्री अपनी ही सरकार के खिलाफ बैठे धरने पर


हरिद्वार। लॉक डाउन के बीच हरिद्वार में फँसे पश्चिम बंगाल के यात्रियों का सब्र का बांध टूट गया। घर जाने की माँग लेकर इन यात्रियों ने हरिद्वार के विष्णु घाट पर अपनी ही सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और घाट पर ही धरने पर बैठ गए। इसकी सूचना मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच और सूचना मिलते ही जिला पर्यटन अधिकारी और पुलिसकर्मियों ने मौके पर पहुंचकर जैसे तैसे इन यात्रियों को शांत कराया।


पश्चिम बंगाल के लगभग 750 यात्री हरिद्वार के विभिन्न होटल धर्मशालाओं में ठहरे है। लॉक डाउन के पहले दिन से ही इनके द्वारा घर भेजे जाने की माँग की जा रही है। पश्चिम बंगाल सरकार से अनुमति न मिलने के कारण इन रवानगी नही हो सकी। ये सभी यात्री गँगा स्नान के लिए हरिद्वार आये थे। नाराज इन यात्रियों ने इकट्ठा होकर विष्णु घाट पर अपनी ही सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और धरने पर बैठ गए। इस दौरान इन यात्रियों में अपनी सरकार के खिलाफ आक्रोश देखने को मिला। इनका आरोप है जब बंगाल सरकार अन्य राज्यो में फंसे यात्रियों को तो बुला रही है लेकिन उनकी अनदेखी कर रही है। 



वही धरना स्थल पर पहुँची जिला पर्यटन अधिकारी सीमा नौटियाल और पुलिसकर्मियों ने जैसे तैसे इन यात्रियों को शांत कराया और उनसे ज्ञापन लिया। पर्यटन अधिकारी सीमा नौटियाल ने कहा कि हरिद्वार जिलाधिकारी द्वारा इन्हें बंगाल भेजने के लिए शासन स्तर पर लगातार प्रयास किया जा रहा है लेकिन बंगाल सरकार की अनुमति न मिलने कारण इनकी रवानगी नही हो सकी है। फिलहाल इनके रहने ख़ाने पीने की सब व्यवस्था निःशुल्क है जैसे ही शासन स्तर से आदेश आएगा इन्हें बंगाल भेजने की व्यवस्था भी कर दी जाएगी।