डाॅ श्यामाप्रसाद मुखर्जी के जन्मदिवस पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती दी श्रद्धाजंलि


ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि भारत भूमि पर आदिकाल से ही ऐेसे रत्नों ने जन्म लिया जिनके कार्यो से भारत विश्वगुरू कहलाया। वर्तमान समय में भी अध्यात्म तथा विज्ञान के समन्वय और उन्नति के बल पर भारत ‘जगत गुरु‘ के रूप में निरन्तर आगे बढ़ रहा है, साथ ही एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है। डाॅ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने हमेशा से ही अखंड भारत का सुन्दर स्वप्न देखा और उस के लिये जीवनपर्यन्त कार्य भी करते रहें। उन्हें अध्यात्मवाद, मानवता, वैज्ञानिकता की गहरी समझ तो थी ही उसके साथ ही वे इन गुणों का समन्वय करना भी अच्छी तरह से जानते थे। वे मानव मात्र की सेवा को ही ईश्वर की सच्ची पूजा मानते थे। साथ ही उनका मत था कि एक देश में ’एक विधान, एक निशान और एक प्रधान हो।
डॉ. मुखर्जी ने अक्टूबर, 1951 में भारतीय जनसंघ के नाम से एक पार्टी बनायी थी जो कि बाद में भाजपा बनी और आज भारत की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन चुकी हैं। आज डाॅ मुखर्जी द्वारा देखे सपने ’एक विधान, एक निशान और एक प्रधान’ का संकल्प पूरा हो रहा है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि भारतीय संस्कृति के अग्रदूत डाॅ श्यामाप्रसाद मुखर्जी के संकल्पों को आगे बढ़ाते हुये भारत के ऊर्जावान व कर्मयोगी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनियाँ में न केवल भारतीय संस्कृति का परचम लहराया बल्कि भारत को वैश्विक स्तर पर एक विशिष्ट पहचान भी दिलायी। कोरोना का संकट काल हो या कोई अन्य आपदा हो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस जिम्मेदारी और साहस के साथ भारत और भारतवासियों को सम्भाला वास्तव में वह अभिनन्दनीय है। समस्यायें कोई भी हो उन्होने जिस तरह से साहसिक फैसले लिये वे ऐतिहासिक हैं। वर्तमान समय और आने वाले समय में इसके विलक्षण परिणाम प्राप्त हागे।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि डॉ. मुखर्जी हमेशा से ही जम्मू-कश्मीर को भारत का पूर्ण और अभिन्न अंग बनाना चाहते थे, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनके संकल्प को पूरा किया और जम्मू-कश्मीर की जनता से उन्हें पूरा सहयोग प्रदान किया मुझे तो लगता है इस दिव्य आत्मा को हम सभी भारतवासियों की ओर से अखंड भारत की यही सच्ची श्रद्धाजंलि होगी।